यूँ ही बैठा, हथेली को ताक रहा था, लकीरें कम तो नहीं, ये आँक रहा था...! यूँ ही बैठा, हथेली को ताक रहा था, लकीरें कम तो नहीं, ये आँक रहा था...!
बस मेरे उस चांद सी ख्वाहिश हो तुम जो हो तुम, बस वहीं हो तुम। बस मेरे उस चांद सी ख्वाहिश हो तुम जो हो तुम, बस वहीं हो तुम।
जो जैसा होता है उसको वही नज़र आता है ! जो जैसा होता है उसको वही नज़र आता है !
चेहरे की तस्वीर ने ये बात बताई है । चेहरे की तस्वीर ने ये बात बताई है ।
मेरे साथ कुछ भी न था जो देखा पीछे मुड़के। मेरे साथ कुछ भी न था जो देखा पीछे मुड़के।
फिर यह जीव की ह्त्या करते हो क्यों ? तुमसे रहम की भीख मांगता है जानवर ! फिर यह जीव की ह्त्या करते हो क्यों ? तुमसे रहम की भीख मांगता है जानवर !